बालोतरा नगरपरिषद मे भारी अनियमितताओं के मामलों में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष की चुप्पी पर लग रहे आरोप प्रत्यारोप।

 बालोतरा नगरपरिषद मे भारी अनियमितताओं के मामलों में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष की चुप्पी पर लग रहे आरोप प्रत्यारोप।


बालोतरा नगरपरिषद में भारी अनियमितताओं के आरोप प्रत्यारोप के चलते नगरपरिषद बोर्ड में विपक्ष की भूमिका पर लग रहे सवालिया निशान नेता प्रतिपक्ष मेहबूब खान सिंधी सहित नगरपरिषद बोर्ड के जनप्रतिनिधियों की इस मामले में साधी गई  चुप्पी के कारण विपक्ष पर लग रहे सवालिया निशान नगरपरिषद में हो रही भारी अनियमितताओं का विरोध करने की बजाय विपक्ष की आंखें मूंदकर सहयोग करने की भूमिका ज्यादा नजर आ रही है। बालोतरा नगरपरिषद में जारी अनियमितताओं की शिकायतों को रोकने के मामलों में विरोध की बजाय विपक्ष की चुप्पी बनी संदिग्ध विपक्ष की भूमिका पर लग रहे कई सवालिया निशान बालोतरा नगरपरिषद की भूमि और विकास शाखा, पट्टा शाखाओं सहित कई शाखाओं में अनियमितताओं का दिनों-दिन बढते बोलबाला के आरोपों के बावजूद विपक्ष नें चुप्पी साध रखी है। बालोतरा नगरपरिषद में अनियमितताओं को रोकने के लिए विपक्ष भी नहीं कर रहा अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन जबकि विपक्ष का यह दायित्व बनता है 

बालोतरा नगरपरिषद में अनियमितताओं को रोकने के लिए नेता प्रतिपक्ष सहित सभी जनप्रतिनिधि अपने दायित्व का ईमानदारी से करे निर्वहन तो अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के मामलों में कुछ हद तक लग सकती है लगाम नगरपरिषद में विपक्ष नें भी अपनी भूमिका का निर्वहन करने की बजाय अनियमितताओं के मामलों में चुप्पी साधकर विपक्ष भी संदिग्ध भूमिका में सवालों के घेरे में नजर आ रहा है।

बालोतरा नगरपरिषद में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष की कार्यप्रणाली पर आम आदमी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। नगरपरिषद में आमजन अपने निजी कार्यो के लिए हमेशा इधर उधर भटकता नजर आ रहा है । नगरपरिषद की इस तरह की कार्यप्रणाली से आम आदमी हो रहा परेशान नगरपरिषद अधिकारी,जनप्रतिनिधि या कार्मिक कोई भी आम आदमी की नहीं कर रहा सुनवाई जिसके कारण आम आदमी की समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान।


बालोतरा नगरपरिषद की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति पर भी भू-माफियाओं की बुरी नजर भूमाफियाओं नें नगरपरिषद की सम्पत्ति को खुर्दबुर्द कर पक्की दीवारों का किया निर्माण नगरपरिषद सम्पत्ति को  हड़पने के षड्यंत्रो को रोकने के लिए नगरपरिषद नें आज तक नहीं की कोई ठोस कार्यवाही।बालोतरा नगरपरिषद की बेशकीमती करोड़ों रुपयों की सम्पत्ति जिस पर नगरपरिषद संपत्ति के बोर्ड भी खुद नगरपरिषद द्वारा लगाए गए थे उन बोर्डों को सफेदपोश भूमाफियाओं नें खुर्दबुर्द कर अवैध रुप से  चारदीवारी का  करवाया निर्माण।

बालोतरा के बीपीएल क्वार्टरों के पास मुख्य मार्ग पर है नगरपरिषद की बेशकीमती भूमि जिसके खसरें का राजस्व रिकॉर्ड में भी नगरपरिषद के नाम इंद्राज होने के बावजूद नगरपरिषद की सम्पत्ति को किया जा रहा खुर्दबुर्द नगरपरिषद की संपत्ति कहां गई? इस प्रश्न का कोई संतोषजनक जवाब किसी के पास नहीं है भूमाफियाओं नें नगरपरिषद की बेशकीमती इस भूमि को हड़प लिया या आसमान निगल गया यह जांच का विषय है।

नगरपरिषद संपत्ति पर लगातार हो रहे अवैध कब्जों को कौन दे रहा संरक्षण? किसके संरक्षण में बेशकीमती नगरपरिषद की संपत्ति को हड़पने का रचाया था रहा षड्यंत्र? यह है जांच का विषय इस मामले का पटाक्षेप करने का किया जाएगा प्रयास इसी कड़ी में पूर्व नगरपरिषद पार्षद एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मांगीलाल सांखला नें नगरपरिषद द्वारा नियमों को ताक में रखकर आवासीय क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि पर व्यवसायिक पट्टे जारी करने सहित कई मामलों में नगरपरिषद अधिकारियों कार्मिकों व सभापति पर लगाए गंभीर आरोप 

नगरपरिषद संपत्ति को हड़पने वाले सफेदपोशों के चेहरों पर लगे नकाब हटाने का होगा प्रयास?

ज्ञातव्य रहे नगरपरिषद द्वारा गत दिनों एक गरीब महिला के रहवासीय मकान को अतिक्रमण हटाने के नाम पर किया था ध्वस्त गरीब की झोपड़ी पर पीला पंजा चलता है तो दूसरी और नगरपरिषद की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने वाले माफियाओं को कौन दे रहा संरक्षण।

बालोतरा नगरपरिषद के कार्यकलापों की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करे जांच तो कई संदिग्ध मामलों का होगा पर्दाफाश खसरा नंबर 285 नगरपरिषद की बेशकीमती करोड़ों रुपयों की भूमि पर भूमाफियों नें चारदीवारी बनवा कर किया कब्जा नगरपरिषद सभापति सुमित्रा जैन, नेता प्रतिपक्ष मेहबूब खान सिंधी, सहित नगरपरिषद अधिकारी इस मामले में आंखों पर पट्टी बांध रखी है।

नगरपरिषद की संपत्ति पर अवैध कब्जे कर करोड़ों रुपए की भूमि को हड़पने के मामले में अवगत अधिकारीयों जनप्रतिनिधियों को जागरूक लोगों एवं समाचार पत्रों के माध्यम से अवगत कराने पर  अधिकारी इस संबंध में लिखित शिकायत का कर रहे इंतजार बालोतरा नगरपरिषद में अमीर गरीब और भूमाफियाओं के लिए अलग-अलग मापदंड अपनाया जा रहा है जिसका जीता जागता सबूत गत सप्ताह एक गरीब महिला के आवासीय मकान को बगैर कोई कारण बताए जेसीबी मशीन से नगरपरिषद ने धव्स्त कर उस गरीब को बेघर कर दिया तो दूसरी और नगरपरिषद की संपत्ति को भूमाफियाओं की भेट चढ़ाया जा रहा है।

नगरपरिषद की बेशकीमती खसरा नंबर 285 की भूमि पर भूमाफियाओं को नगरपरिषद नें खसरा नंबर 286 के नाम इंद्राज कर पट्टे जारी करनें के सम्बन्ध में आम आदमी की जुबान पर समाचार सुर्खियों में है।

ज्ञातव्य रहे खसरा नं. 285 पर भूमाफियाओं द्वारा बनाई जा रही चारदीवारी की भूमि पर खुद नगरपरिषद द्वारा यह नगरपरिषद की संपत्ति है के बड़े-बड़े बोर्ड लगवाए गए थे नगरपरिषद संपत्ति के बोर्ड़  खुर्दबुर्द कर पक्की दीवारों का निर्माण किया जा रहा है।

इस मामले में भूमाफियाओं को कई सफेदपोश नेताओं का भी संरक्षण मिला हुआ बताया जा रहा है।

नगरपरिषद बेशकीमती भूमि संपत्ति पर खसरा नंबर 286 के अगर नगरपरिषद नें पट्टे जारी कर दिए तो प्रश्न यह उठता है कि यह भूमि खसरा नंबर 286 की है तो नगरपरिषद संपत्ति की भूमि खसरा नंबर 285 कहां गायब हो गई ? सवाल यह भी बनता है कि नगरपरिषद की बेशकीमती करोड़ों रुपयों की भूमि को जमीन निगल गई या आसमान खा गया?




अशरफ मारोठी

बाडमेर जिला ब्यूरो हेड

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