ललित गोलेछा //
परिस्थितियाँ बहुत कठिन है... फिर भी मेरा संघर्ष जारी है बचपन बहुत अभावों में बीता, आर्थिक स्थिति इतनी खराब की कई बार सोचा पढाई छोड़ के काम करूं पर मन से आवाज आती जहां तक हो सके वहा तक पढ़ूं.. यही सोच के की पूरी लगन मेहनत से पढ़ रही हूं तो उपरवाला जरूर साथ देगा, आज तक मैने किसी निजी स्कूल या कॉलेज से पढाई नही की क्योंकि निजी संस्थानों में पढ़ने की मेरी स्थिति नही है, कक्षा पहली से बारहवीं तक सरकारी स्कूल में पढाई की वो भी स्कूल ड्रेस और बुक्स लाने के लिए हर साल गर्मी की छुट्टियों में काम करके। ऐसी परिस्थितियों के बावजूद मैने 10th और 12th मे कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया, इससे मेरा होसला बढ़ा और मैने महात्मा गांधी चिकित्सालय बांसवाड़ा से ANM का कोर्स किया और उसमे भी जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया(ANM प्रथम वर्ष के दोरान मेरे पिताजी का बीमारी की वजह से निधन हो गया) नर्सिंग के बाद मैने प्रतियोगी परीक्षा देने के बारे में सोचा ऐसे में पटवारी और कांस्टेबल की भर्ती आई और मैने फॉर्म भरा और तेयारी शुरू की।
जब लॉकडाउन लग गया था तब भी मैने घर पर पढाई जारी रखी, ऑनलाइन कोर्स खरीदने के लिए भी पैसे नही थे तो मेरी बड़ी बहिन ने मुझे कोर्स दिलाया और निःशुल्क कोचिंग भी.स.वि.प. कुशलगढ के सुखराम जी वसुनिया सर के बारे में पता लगा तब सर रोजाना टॉपिक वाइस ऑनलाइन टेस्ट लेते थे व टॉप 30 विद्यार्थियों की रैंक जारी करतेथे उसमे मैं भाग लेती थी टॉप 10 मे मेरा नाम आता था तो उत्साह और होसला बढ़ता गया व स्टडी मटेरियल मिलता रहा और मैने मोबाइल का सदुपयोग किया
इस तरह से मैने पढाई जारी रखी और राजस्थान पुलिस परीक्षा 2020 मे जनरल महिला मेरिट मे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया
कांस्टेबल परीक्षा 2020 मेरा पहला कंपीटिशन एगजाम है इससे पहले मैने कंपीटीशन का कोई एगजाम नही दिया है
" सफलता एक दिन मे नही मिलती, पर ठान लो तो एक न एक दिन जरूर मिलती है "
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